Loksabha Election 2024: आचार संहिता के आरोपों का उल्लंघन करने के आरोप में भारतीय चुनाव आयोग ने पीएम मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषणों पर संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है। दोनों पार्टियों से 29 अप्रैल सुबह 11 बजे तक जवाब मांगा गया है।
भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने एक दूसरे के नेताओं के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी और धर्म, जाति, संप्रदाय और भाषा के नाम पर लोगों के बीच नफरत फैलाने और अलगाववाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का प्रचार थम गया है। इस समय संपत्ति के बंटवारे को लेकर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच जुबानी जंग काफी तेज हो चुकी है। भाजपा-कांग्रेस अध्यक्षों को जारी किया गया नोटिस चुनाव आयोग ने इस मामले में जन प्रतिनिधि कानून की धारा 77 की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए स्टार प्रचारकों के आचरण के लिए पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार माना है और दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को नोटिस जारी किया है।
शिकायतकर्ता ने क्या कहा था?
आनंद जोंदले ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि 9 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक चुनावी रैली के दौरान पीएम मोदी ने हिंदू देवी-देवताओं और हिंदू पूजा स्थलों और सिखों के पवित्र स्थलों और सिख गुरुओं के नाम पर जनता से वोट मांगे। यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।
चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को अपने उम्मीदवारों, स्टार प्रचारकों के आचरण की जिम्मेदारी लेनी होगी। खासकर शीर्ष पदों पर बैठे लोगों द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान ऐसे भाषण और भी चिंताजनक है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।