धर्म परिवर्तन रोकने के लिए देश के किन राज्यों में क्या है कानून

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 में कहा गया है कि प्रत्येक नागरिक को अंतरात्मा की स्वतंत्रता और धर्म के स्वतंत्र रूप से माने अभ्यास करने और प्रचार करने के स्वतंत्रता है। हमारे देश के बहुत से राज्यों में धर्म कानून रोकने के लिए बनाए गए हैं।

गुजरात में गुजरात फ्रीडम आफ रिलिजन एक्ट 2003 बनाया गया जिसके खिलाफ 3 साल की कैद और 50 हज़ार तक का जुर्माना है। एससी एसटी के मामले में 4 साल तक की कैद और एक लाख तक जुर्माना है।

झारखंड में झारखंड फ्रीडम ऑफ़ रिलिजन एक्ट 2017 बनाया गया इसमें 3 साल तक की कैद और 50 हजार तक जुर्माना है ।एससी एसटी के मामले में 4 साल तक की कैद और एक लाख तक का जुर्माना है ।

उड़ीसा में उड़ीसा फ्रीडम रिलिजन एक्ट 1967 बनाया गया एक साल तक की कैद और 5 हजार तक का जुर्माना है।एसटी और एससी के मामले में 2 साल तक की कैद और रुपए 10 हजार तक का जुर्माना है।

राजस्थान में राजस्थान धर्म स्वतंत्रता एक्ट 2006 बनाया गया इसमें 5 साल तक की कैद और 5 हजार तक का जुर्माना है ।

उत्तराखंड में उत्तराखंड फ्रीडम आफ रिलिजन एक्ट 2018 बनाया गया इसमें 5 साल तक की कैद और जुर्माना है एससी एसटी के मामले में 7 साल तक की कैद और जुर्माना है ।

मध्य प्रदेश में मध्य प्रदेश फ्रीडम आफ रिलिजन एक्ट 1968 बनाया गया इसमें 3 साल तक की कैद या 20 हजार तक का जुर्माना या तो दोनों है एससी एसटी के मामले में 4 साल तक की कैद और 20 हजार तक का जुर्माना है।

हिमाचल प्रदेश में हिमाचल प्रदेश फ्रीडम आफ रिलिजन एक्ट 2019 बनाया गया इसमें 5 साल तक की कैद और जुर्माना है एससी एसटी के मामले में 7 साल तक की कैद और जुर्माना है।

आंध्र प्रदेश में आंध्र प्रदेश फ्रीडम आफ रिलिजन एक्ट 1976 है इसमें 2 साल तक की क्या है तो 10 हज़ार तक का जुर्माना है।

छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ फ्रीडम आफ रिलिजन एक्ट 1968 है इसमें 2 साल तक की कैद, 10 हजार तक का जुर्माना या दोनों एससी एसटी के मामले में 4 साल तक की कैद और 25 हजार तक का जुर्माना है।

Mehak Bharti
Author: Mehak Bharti

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