Tealovers: पुराने जमाने से ही चाय को बहुत पसंद किया जा रहा है और आज के समय में भी यह हमारे जीवन की एक आदत बन चुकी है। हमारे देश में पानी के बाद सबसे ज्यादा पिया जाने वाले पेय पदार्थ चाय ही है।
हमारे सबके घरों में सुबह की शुरूआत चाय से ही होती है।जब हमारे घर में कोई मेहमान आता है तो उसका स्वागत चाय के साथ ही किया जाता है। बड़े-बड़े ऑफिसर कार्यालय में भी सभी लोग चाय पीने को पसंद करते हैं।
जब हम किसी शादी या समारोह में जाते हैं तब भी चाय पीकर सभी आनंद लेते हैं।
चाय पीने की आदत छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक सबको होती है। जब सुबह होती है तो चाय पीकर दिन की शुरआत की जाती है उसके बाद दोपहर में भी चाय पी जाती है।कुछ लोग रात में भी चाय लेते हैं।
जब किसी व्यक्ति को थकावट महसूस होती है तब वह चाय का प्याला लेकर थकावट को दूर करता है यदि व्यक्ति को सर दर्द होता है तो वह चाय की एक चुस्की लेता है और उसका सर दर्द ठीक हो जाता है।यदि व्यक्ति स्ट्रेस में होता है तो भी चाय पीता है।
हमारे देश में चाय को एक दवाई की तरह पिया जाता है कोई भी बीमारी हो चाय पी लो। उदास होते हैं तो चाय पीते हैं, खुश होते हैं तो चाय पीते हैं।
इसी के साथ आपने बहुत से लोगों के मुंह से सुना होगा कि *चाय पीने से लोग काले होते हैं*।तो चलिए जानते हैं इसके पीछे का कारण।।
दरअसल हमारे स्किन का कलर हमारे melanin genetics पर निर्भर करता है जिसकी वजह से हमारा रंग गोरा या काला होता है।
रिसर्च में ऐसा पाया गया है कि चाय पीने से हमारा रंग काला नहीं होता, बल्कि रिसर्च में ऐसा पाया गया है कि अगर चाय को मात्रा में पिया जाए तो वह हमारे शरीर से गंदगी को दूर करता है।
दरअसल चाय पीने से हमारा रंग काला होता है यह झूठ इसलिए फैलाया गया ताकि छोटे बच्चे चाय न पिए चाय में कैफीन नाम का पदार्थ पाया जाता है जिससे कि बच्चों के दिमाग पर असर पड़ता है। बड़ों के मुकाबले बच्चों की सेहत ज्यादा नाजुक होती है जिससे बच्चों के शरीर पर कैफीन का अधिक असर होता है।
बच्चों को चाय पिलाना उनके दिमाग को हाइपरएक्टिव यानी अतिसक्रिय कर सकता है जिससे उन्हें रात के समय नींद संबंधी समस्याएं होने लग सकती हैं और साथ ही स्ट्रेस लेवल भी बढ़
सकता है।