राजनीति भी कैसा खेल है जब कुछ कुर्सी खिसकने लगती है तो यह नेता तरह-तरह के प्रपंच रचने लगते हैं।सदर विधानसभा के शास्त्री नगर वार्ड में आजकल कुछ ऐसा ही चल रहा है जहां एक तरफ कंप्लेंट बाज़ो की भरमार है जिससे स्थानीय व्यापारी और जनता परेशान है तो वहीं आजकल शास्त्री नगर में कई व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर स्थानीय लोगो को उनकी मर्जी के खिलाफ उनमे जोड़ा जा रहा है, इन ग्रुपो में रोज काफी नकारात्मक और भद्दी पोस्ट डाली जाती हैं जिन्हें एक सभ्य नागरिक खोलकर भी देखना नहीं पसंद करता जबकि इन ग्रुपो में कई स्थानीय महिलाएं भी हैं जिन्होंने अपनी आपत्ति पुलिस अधिकारियों को भी की है।
ज्ञात रहे शास्त्री नगर में बीते काफी समय से ही ये असामाजिक तत्व इस प्रकार के कामों में लिप्त रहे हैं कुछ महीने पहले एक महिला के नाम पर नकली फेसबुक आईडी बनाकर कई स्थानीय लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जा रही थी और इसी नकली फेसबुक आईडी से असभ्य पोस्ट की जा रही थी जिस की शिकायत भी साइबर क्राइम को की गई थी,जिसके बाद यह नकली फेसबुक आईडी निष्क्रिय हो गई।
आपको बता दें कि क्षेत्र में इसी प्रकार के एक अन्य ग्रुप के चार-पांच लोगों की शिकायत कुछ समय पहले साइबर थाना मोरिस नगर में की गई थी जहाँ इन लोगों की साइबर पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था और इन लोगो के फोन्स में आपत्तिजनक असभ्य पोस्ट भी मिली थी, इन लोगों ने भविष्य में इस प्रकार की हरकत ना करने का आश्वासन दिया था जिसके बाद इन्हें छोड़ गया।
अब एक बार फिर से ये लोग नए-नए व्हाट्सअप्प ग्रुप्स बनाकर क्षेत्र में फूहड़ता फैला रहे है ,क्षेत्र के कई वरिष्ठ और गणमान्यों का कहना है कि इस तरह के असामाजिक लोगों पर पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए ताकि यहां का माहौल अच्छा बना रहे।
सदर विधानसभा में कंप्लेंट बाज और ब्लैक मेलों की हुई भरमार।
ये दिल्ली है मेरी जान, कई लोगों की जान भी दिल्ली ही है, करोड़ों लोगों के लिए काम कर खाने का जरिया है दिल्ली। कुछ लोगों के लिए मेहनत से कमाकर खाने का जरिया है दिल्ली, तो वहीं कई हरामखोरों के लिए ब्लैकमेलिंग कर शिकायत करके खाने का जरिया भी अब दिल्ली बनती जा रही है।
दिल्ली के सदर बाजार विधानसभा क्षेत्र आजकल पूरी दिल्ली में चर्चा का विषय बना हुआ है इस क्षेत्र में कई कंप्लेंटबाज है और इन कंप्लेंटबाज़ों के कारनामों के चलते सदर विधानसभा क्षेत्र और इसके अंतर्गत आनेवाल शास्त्री नगर क्षेत्र मशहूर हो चुका है। हर सरकारी महकमे में शिकायतें करना और शिकायतों के नाम पर धन उगाही करना इनके लिए रोजी-रोटी का जरिया बन चुका है।