First FIR In BNS: नए कानून के तहत हो रहे केस दर्ज, क्या कहते है नए कानून ? आइये जानते है-

देशभर में पहली जुलाई से शुरू हुए नए कानून के तहत कई राज्यों में केस दर्ज कर लिए गए है.  अपराधिक कानून में काफी कुछ बदलाव हुआ है .क्रिमिनल प्रोसीजर कोड CRPC की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) लागू की जाएगी लिए जाएंगे. भारतीय संहिता कानून 2023 अब इंडियन पीनल कोड (IPC) 1860 की जगह उपयोग में रहेगा. इंडियन एवीडेंस एक्ट 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के मुताबिक फैसले लिए जाएंगे.

क्या है नया कानून ?

आपराधिक मामलों की जांच को मजबूत करने के लिए किसी भी पुलिस स्टेशन में एफआईआर या जीरो एफआईआर दर्ज करने की अनुमति और जघन्य अपराधों के लिए अपराध स्थलों की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल हैं.
नए कानूनों में कहा गया है कि आपराधिक मामलों में मुकदमे की सुनवाई पूरी होने के 45 दिनों के भीतर फैसला सुनाया जाना चाहिए और पहली सुनवाई के 60 दिनों के भीतर आरोप तय किए जाने चाहिए.पीड़ितों को 90 दिनों के भीतर जांच की प्रगति के बारे में सूचित करने का भी प्रावधान है. इसमें शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज करना, एसएमएस के जरिए इलेक्ट्रॉनिक समन और साक्ष्यों को तेजी से साझा करना भी शामिल है.
भारतीय न्याय संहिता के तहत 83 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है और 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान किया गया है.यौन अपराधों से निपटने के लिए बीएनएस में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय है.
सामूहिक बलात्कार के सभी मामलों में 20 साल की कैद या आजीवन कारावास का प्रावधान है और 18 साल से कम उम्र की महिला से सामूहिक बलात्कार की नई अपराध श्रेणी है. भारतीय न्याय संहिता शादी के झूठे वादे, मॉब लिंचिंग और चेन स्नैचिंग जैसे अपराधों को भी संबोधित करती है, जिनका आईपीसी में उल्लेख नहीं किया गया था.
भारतीय न्याय संहिता की धारा 113.(1) में भी आतंकवाद को परिभाषित किया गया है। बीएनएस के अनुसार, आतंकवादी कृत्यों के लिए मौत की सजा या पैरोल के बिना आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है.
बीएनएस धारा 113.(1) में उल्लेख है कि, “जो कोई भी, भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा या आर्थिक सुरक्षा या संप्रभुता को खतरे में डालने के इरादे से या भारत में जनता या जनता के किसी भी वर्ग के बीच आतंक पैदा करने या फैलाने की संभावना रखता है या किसी भी विदेशी देश में, किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को मौत का कारण बनने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, या मुद्रा के निर्माण या तस्करी आदि के इरादे से बम, डायनामाइट, विस्फोटक पदार्थ, जहरीली गैसों, परमाणु का उपयोग करके कोई भी कार्य करता है, वह आतंकवादी कार्य करता है” .इसमें यह भी बताया गया है कि सार्वजनिक सुविधाएं या निजी संपत्ति को नष्ट करना अपराध है. ऐसे अधिनियम जो ‘महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की क्षति या विनाश के कारण व्यापक नुकसान’ का कारण बनते हैं, उन्हें भी इस अनुभाग में शामिल किया गया है।

Mehak Bharti
Author: Mehak Bharti

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