West Bengal: “दे दूंगी इस्तीफ़ा”: ममता बनर्जी का बयान और बंगाल की राजनीति में उठे सवाल

West Bengal: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में एक सभा में कहा है कि वे “इस्तीफ़ा दे देंगी”। उनका यह बयान राजनीतिक वृत्तों में चर्चा का विषय बन गया है। राज्य सरकार की तरफ से सचिवालय में जूनियर डॉक्टरों के साथ गतिरोध तोड़ने के लिए बातचीत रखी गई थी। डॉक्टरों का 30 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल सचिवालय पहुंचा, लेकिन मीटिंग को लाइव करने के मुद्दे पर बात बिगड़ गई। मीटिंग हॉल में ममता बनर्जी दो घंटे तक अकेले बैठी रही और कोई डॉक्टर इस मीटिंग में शामिल नहीं हुआ ।

मामला क्या है ?
कोलकाता डॉक्टर केस पर घिरी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहली बार इस्तीफे की पेशकश की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी डॉक्टरों का विरोध जारी रहने पर ममता बनर्जी ने कहा है कि मैं लोगों के हित में यह कदम उठाने को तैयार हूं। ममता बनर्जी ने इस्तीफे की पेशकश जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल और विरोध पर अड़े रहने के बाद कही है। राज्य सरकार की तरफ से सचिवालय में जूनियर डॉक्टरों के साथ गतिरोध तोड़ने के लिए बातचीत रखी गई थी। डॉक्टरों का 30 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल सचिवालय पहुंचा, लेकिन मीटिंग को लाइव करने के मुद्दे पर बात बिगड़ गई। सीएम ममता बनर्जी ने इसके बाद मीडिया को संबोधित किया और फिर देश दुनिया के लोगों से माफी मांगी।

दो घंटे तक किया इंतजार
ममता बनर्जी ने सचिवालय में शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकर जूनियर डॉक्टरों का इंतजार किया। ममता बनर्जी ने डॉक्टरों के नहीं आने पर बाद में माफी मांगी। उन्होंने एक वीडियो ब्रीफिंग में कहा कि वह माफी मांगती हैं। वह लोगों के हित में इस्तीफा देने को भी तैयार हैं। इस मीटिंग में राज्य के डीजीपी राजीव कुमार और मुख्य सचिव भी मौजूद रहे। इससे पहले ममता बनर्जी ने सचिवालय में बातचीत के बनाए गए कक्ष में बैठकर जूनियर डॉक्टरों के बातचीत की टेबल पर आने के लिए इंतजार भी किया। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जब तब सरकार उनकी मांगें नहीं मानेगी तब तक वे अपने विरोध प्रदर्शन को खत्म नहीं करेंगे।

किस बात के लिए मांगी माफी
ममता बनर्जी ने कहा कि वह मैं उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करूंगी…वे युवा हैं और हम उन्हें माफ कर देंगे। मैं खुले दिमाग से मुलाकात करना चाहती थी। बाद में ममता बनर्जी ने जूनियर डॉक्टरों के साथ चल रहे गतिरोध के लिए पश्चिम बंगाल के लोगों से माफ़ी मांगी और कहा कि उनकी हड़ताल के कारण 27 लोगों की जान चली गई और सात लाख मरीज़ पीड़ित हैं। बनर्जी ने बातचीत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि वह न्याय चाहती हैं। इससे पहले, जूनियर डॉक्टरों के 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने से इनकार कर दिया था, क्योंकि पश्चिम बंगाल सरकार ने बैठक का सीधा प्रसारण करने के उनके अनुरोध को ठुकरा दिया था। कोलकाता में विरोध प्रदर्शन गुरुवार को 34वें दिन भी जारी रहा।

क्या होगा आगे?
ममता बनर्जी के इस्तीफ़े की संभावना बहुत कम है। यह संभव है कि वे यह बयान सिर्फ़ राजनीतिक दबाव को ख़त्म करने के लिए दिया हो।
हालांकि, यह बयान पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। यह देखना होगा कि ममता बनर्जी आगे क्या कदम उठाती हैं और राज्य की राजनीति पर इस बयान का क्या प्रभाव पड़ता है।
यह बयान पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नए चरण का प्रारंभ कर सकता है। अब देखना होगा कि ममता बनर्जी अपने इस बयान के माध्यम से क्या संदेश देना चाहती हैं और राज्य की राजनीति में इस बयान का क्या प्रभाव पड़ेगा।

Kanchan
Author: Kanchan

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