Delhi: दिल्ली के जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला लाजपत नगर वार्ड अपनी खराब बुनियादी सुविधाओं के लिए चर्चा में है। इस क्षेत्र के विधायक आम आदमी पार्टी के प्रवीण कुमार है। लाजपत नगर दिल्ली का प्रसिद्ध पॉश क्षेत्र है। लेकिन सिर्फ बाहर-बाहर से ही पॉश दिखता है। वैसे तो बीते चार साल से यहाँ के लोगों को सीवर की समस्याएं का सामना करना पड़ रहा है, परन्तु पिछले तीन महीने से बरसात में हालात और बदत्तर हो गए है। सीवर का पानी ओवरफ्लो के कारण सडकों पर बह रहा है। क्षेत्र में पानी जमाव, खराब सीवेज सिस्टम, टूटी हुई सड़कें और टूटे हुए नाले लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं।
जल जमाव की समस्या
लाजपत नगर वार्ड में बारिश के दिनों में पानी जमाव की समस्या एक गंभीर चिंता का विषय है। बरसात शुरू होने पर सड़कें जलमग्न हो जाती हैं, जिससे लोगों को यातायात में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। घरों में भी पानी घुस जाने की समस्या है, जिससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। लाजपत नगर एक लुट्यंस इलाका है जो पूरी तरह योजना बना कर बनाई गयी थी। चालीस साल पहले यहाँ पर बारिश का पानी निकलने का तंत्र बना हुआ था। पर समय के साथ उसे बेहतर नहीं किया जा सका है, ना ही नया बनाया गया जिस वजह से बना हुआ तंत्र भी ख़राब हो गया है।
सीवेज सिस्टम में खराबी
सीवेज सिस्टम की खराबी भी एक गंभीर समस्या है। नाले टूटे हुए हैं और सीवेज का पानी सड़कों पर जमा हो जाता है। इससे बदबू फैलती है और बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। पिछले कई सालों से लगातार शिकायत करने के बाद भी कोई काम नहीं हुआ। इलाके के विधायक ने डेढ़ साल पहले आकर वहां लोगों से वादा किया था कि पंद्रह से बीस दिन में बन जायेगा पर आज तक इस पर कोई काम नहीं हुआ है। सीवर का हाल बुरा होने से यहाँ के लोगों का चलना मुश्किल हो गया है। एमसीडी और जल बोर्ड कि गाड़ियां नाम भर आती है और कच्चे तरीके से काम करके चली जाती है। एमसीडी यहाँ के लोगों पर घर में बारिश का पानी जमा होने की वजह से या कूलर में पानी भरा रहने की वजह से जुर्माना लगा देती है। ार बीमारियां खुद की ख़तम नहीं कर पाती है।
खराब सड़कें:
सड़कों का हाल तो वैसे पूरी दिल्ली में ही ख़राब है सिवाय सेंट्रल दिल्ली के तो ये क्षेत्र कैसे बचता यहाँ भी सड़कों की स्थिति भी बहुत खराब है। सड़कें टूटी हुई हैं, जिससे यातायात में बाधा आती है और दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जाता है। बारिश में इन गधों में पानी भर जाता है जिससे ये दिखाई नहीं देते और कई बार तो गिरते-गिरते बचते है। यहां की सड़कें चलने लायक नहीं है गाड़ियां चलाने लायक तो दूर की बात है।
लोगों की परेशानी:
इन समस्याओं के कारण लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनका जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वे सरकार से इन समस्याओं का समाधान करने की मांग कर रहे हैं। बार-बार लगातार हर जगह शिकायत करने के बावजूद लोगों की सुनी नहीं जा रही। इलाके के विधायक प्रवीण कुमार के पास शिकायत की गयी जिनक कान में जुएं नहीं रेंगती, सुन कर सिर्फ कह देते है ठीक हो जायेगा। एमसीडी ,जलबोर्ड सब जगह शिकायतों का कोई परिणाम नहीं आया। क्षेत्र की जनता परेशान है। वहां के लोगों का कहना है कि अब यहाँ तो हमारे बच्चे रहना ही नहीं चाहते इतनी गंदगी है खली बीमारियां फैली हुई है। लोगों ने तो किसी को भी चुनाव के दौरान वोट नहीं देने कि बात कही है।
ज़िम्मेदारों की लापरवाही:
यह समस्या ज़िम्मेदार नेताओं और अधिकारियों की लापरवाही का परिणाम है। वे क्षेत्र में हो रही समस्याओं को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं। दिल्ली को फुटबाल बना कर रखा हुआ है सरकारें (केंद्र और राज्य ) इसका काम है, उसका काम है करके एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोपते रहते है। अधिकारियों को कुर्सी तोड़ने से फुर्सत मिले तो समस्याओं के समाधान भी निकले। पर ये दिल्ली है यहाँ सब जिम्मेदारी कि कुर्सी चाहते है। पर जवाबदेही नहीं लेना चाहते है। राजनीतिक बिसातें बिछानी हो तो दिल्ली आइये, धरना-प्रदर्शन करना हो तो दिल्ली आइये, शीशमहल बनाना हो तो दिल्ली आइये, सेंट्रल विस्टा देखना हो तो दिल्ली आइये, सत्ता चाहिए तो दिल्ली आइये, पैसा, पावर चाहिए हो तो दिल्ली आइये पर अगर आपको साफ़ हवा, शुद्ध पानी, बेहत्तर ज़िन्दगी चाहिए तो बाहर जाइये । यही है यहाँ के सरकारों की पालिसी दिल्ली की जनता अपनी ज़िन्दगी की खुद ही जिम्मेदार है।