विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया हाईजैक प्लेन में उनके पिता भी थे सवार, माँ से फोन पर मिली जानकारी

IC814 नेटफ्लिक्स पर आई सीरीज को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। बैन करने की भी मांग रही और अब विदेश मंत्री एस . जयशंकर ने बताया हाईजैक प्लेन में उनके पिता भी सवार थे। जी हां, विदेश मंत्री के पिता भी प्लेन हाइजैक के पीड़ित रहे है। पर IC814 में नहीं 1984 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 421 में ।

स्विट्जरलैंड के जिनेवा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे थे। उस दौरान उन्होंने 1984 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) में एक अधिकारी के रूप में अपने शुरुआती दिनों का एक किस्सा सुनाया। उन्होंने बताया कि 5 जुलाई 1984 में जब खालिस्तान समर्थकों ने प्लेन हाईजैक किया था। उस समय प्लेन को पठानकोट से दुबई ले जाया गया। प्लेन हाइजैक करने वाले आतंकियों से बात करने के लिए उस व्यक्त सरकार ने दल गठित किया। जिसमे सरकार की तरफ से बातचीत करने वाले दल में उन्हें भी शामिल किया गया था। तभी ये पता चला कि जिस प्लेन को हाईजैक किया गया है उसमें उनके पिता के. सुब्रमण्यम भी सवार थे। इसका अहसास उन्हें तब हुआ जब उन्होंने अपनी मां को फोन किया।

जयशंकर ने स्विट्जरलैंड के जिनेवा में एक भाषण को याद करते हुए कहा, “यह दिलचस्प था क्योंकि एक तरफ, मैं उस टीम का हिस्सा था जो अपहरण पर काम कर रही थी। दूसरी तरफ, मैं उस परिवार के सदस्यों में से एक था जो अपहरण पर सरकार पर दबाव डाल रहे थे।” जयशंकर के पिता प्रमुख अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक मामलों के विश्लेषक और पत्रकार के. सुब्रह्मण्यम और मां सुलोचना सुब्रह्मण्यम हैं।

24 अगस्त 1984 को दिल्ली से श्रीनगर जा रहे इंडियन एयरलाइंस के विमान को पठानकोट से अपहरण कर लिया गया और दुबई ले जाया गया। इस हाईजैक में 36 घंटे से ज़्यादा समय के बाद 12 खालिस्तान समर्थक अपहरणकर्ताओं ने आत्मसमर्पण कर दिया था।  इस घटना में किसी भी यात्री या फ्लाइट के क्रू मेंबर्स को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया था. 68 यात्रियों और छह क्रू मेंबर्स बिना किसी नुकसान के रिहा कर दिए गए थे।

एस. जयशंकर ने नेटफलिक्स पर आई विवादित सीरीज आईसी 814- द कंधार हाईजैक के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैंने फिल्म नहीं देखी है, इसलिए मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता। 1984 में एक युवा अधिकारी के रूप में मैं अपहरण से निपटने वाली टीम का हिस्सा था। कुछ घंटों के बाद, मैंने अपनी मां को यह बताने के लिए फोन किया कि मैं अपहरण के कारण घर नहीं आ सकता, तभी पता चला कि मेरे पिता विमान में थे।”

Mehak Bharti
Author: Mehak Bharti

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