Tirupati Mandir: विश्व प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू बनाने में घटिया सामग्री और पशु चर्बी के कथित उपयोग को लेकर एक बड़ा विवाद शुरू हो गया है। सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी ने गुरुवार को दावा किया कि गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला ने मिलावट की पुष्टि की है। मंदिर में प्रसाद में मछली के तेल और जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल की पुष्टि होने के बाद से विवाद गहरा गया है।
विवाद का कारण
यह विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ हिंदू धार्मिक नेताओं ने मंदिर में प्रसाद में मछली के तेल और जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल पर सवाल उठाए। उनका कहना है कि यह हिंदू धर्म के विरुद्ध है और यह प्रसाद शुद्ध नहीं है। टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कथित लैब रिपोर्ट दिखाई, जिसमें दिए गए घी के नमूने में “बीफ टैलो” की मौजूदगी की पुष्टि की गई है।
विवाद का प्रभाव
यह विवाद हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला है और मंदिर प्रशासन की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगा रहा है। इस खुलासे के बाद आंध्र प्रदेश की सियासत में तूफान खड़ा हो गया है। आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘चंद्रबाबू नायडू की यह टिप्पणी कि उन्होंने सीएम के रूप में लड्डू प्रसादम में घी के बजाय पशु तेल का इस्तेमाल किया, तिरुमाला की पवित्रता और प्रतिष्ठा के लिए हानिकारक है। करोड़ों हिंदुओं के आराध्य देव वेंकटेश को कलंकित किया है।