दिल्ली में लगातार प्रदूषण का कहर बरस रहा था। लोग प्रदूषण के साथ साथ धुंध की मार को भी झेल रहे थे। और प्रदूषण को नियंत्रण में रखने के लिए ग्रैप का चौथा चरण लागू किया गया था। जिसके तहत कई तरह की पाबंदिया लगाई गई थी। जिसमें सबसे पहले सभी कक्षाओं को ऑनलाइन चलाने का आदेश दे दिया गया था और सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले ट्रक, वाणिज्यिक चार पहिया वाहनों का दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगी थी। वहीं हफ्ते बाद आज जाकर पढ़ाई के ऑनलाइन मोड का उपयोग करने का विकल्प छात्रों और उनके अभिभावकों के पास होगा। ऐसे में छात्रों को ग्रैप की पाबंदियों से कुछ हद तक राहत मिली है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तीसरे और चौथे चरण की पाबंदियों में ढील दे दी है। आदेश में आयोग ने शैक्षणिक संस्थाओं और स्कूलों-कॉलेजों की सभी कक्षाएं हाइब्रिड तरीके में शुरू करने की अनुमति दी है। अब दिल्ली के साथ गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद में 12वीं तक के स्कूल ऑफलाइन व ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने दिन में ही आयोग से कहा, मिड-डे मील से वंचित व ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण करने में असमर्थ छात्रों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए स्कूल खोलने की अनुमति देने पर विचार करे।
पाबंदियों में ढील देने की वजह को साफ बताते हुए आयोग ने कहा, कि कक्षाएं ऑनलाइन होने से बड़ी संख्या में छात्र मिड-डे मील और ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे थे। साथ ही, ग्रेप की पाबंदियों से शैक्षणिक गतिविधियों और शिक्षा की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित कर रही थी। जिसमें सबसे अधिक प्रभावित कक्षा 10वीं और 12वीं की हो रही थी। उन्हें आगे बोर्ड परीक्षाओं का सामना करना है।
बोर्ड की परीक्षाओं में बच्चो अपना बेहतर प्रदर्शन कर सकें, इसके लिए जरूरी है कि उनकी पढ़ाई किसी भी तरह से प्रभावित न हो और शैक्षिक सस्थानों से उन्हें पुरी तरह से सहयोग प्राप्त हो सकें। शैक्षणिक गतिविधियों को प्रभावित होने से रोकने के लिए अयोग ने यह फैसला लिया है। संभावना है कि प्रदूषण के स्तर पर काबू पाने के बाद आयोग जल्द ही स्कूलो को दुबारा से समान्य तरह से चलाने का आदेश जारी कर देगी।