आज के इस दौर में जहां लड़किया लड़को के कंधा से मिला के चलती है पर वहीं, आज भी महिलाओं को शादी से पहले भी और शादी के बाद कई तरह से शोषण व अत्यचार का सामना करना पड़ता है। कई बार यह अत्यचार इतना बड़ जाता है कि यह हत्या का रुप धारण कर लेता है। अत्यचार का यह रुप दिल्ली में रहनी वाली 24 वर्षीय हर्षिता को भी देखना पड़ा। जिसका शव लंदन में एक कार की डिक्की से बरामद हुआ।
दरअसल, हर्षिता की शादी इसी साल 22 मार्च को धुमधाम से की गई थी। यह एक अरेंज मैरिज थी। शादी के कुछ दिन बाद ही हर्षिता का पति पंकज लांबा उसे लेकर यूके के लंदन में शिफ्ट हो जाता है। शादी के कुछ महीनो बाद से ही पंकज हर्षिता पर घरवालों से दहेज मांगने के लिए दबाव बनाने लगता है। पंकज की बात न मानने पर पंकज उसे मारने पिटने लगता है। हर्षिता की बहन ने बताया था कि घरवाले परेशान न हो इसलिए वह कई बाते छुपाती थी पर रोज रोज पति के अत्याचारो से हर्षिता ने तंग आकर यह बात अपने माता पिता को बताई। हर्षिता के पिता पैसो का जुगाड़ करने की पुरी कोशिश करने में जुटे हुए थे।
दिल्ली अपटुडेट की टीम ने जब हर्षिता की बहन सोनिया से बात की तब सोनिया ने बताया कि हर्षिता रोज फोन पर बात करती थी और जब कुछ दिनो से हर्षिता का फोन नहीं आया तब यूके में रह रहें परिजन ने यूके पुलिस में हर्षिता के लापता होने का केस दर्ज करवाया। फिर पूर्वी लंदन के इलफोर्ड इलाके में ब्रिस्बेन रोड पर एक कार में हर्षिता ब्रेला का शव बरामद हुआ। शव कार की डिक्की से बरामद हुआ। घरवालों ने बताया कि यूके पुलिस का कहना है मर्डर 10 मार्च को हुआ है। पुलिस और हर्षिता के घरवालों का शक पति पंकज पर है जो घटना के बाद फरार है।
पुलिस से मदद की गुहार लगा रहे परिजन।
हर्षिता की बहन सोनिया ने बताया घटना की सुचना मिलते ही घरवालों ने पुलिस का दरवाजा खटखटाया पर पुलिस ने किसी तरह की सहयता नहीं की। पुलिस का कहना है यह एक इंटरनेशनल केस है जिसे यूके पुलिस देखेगी। परिवारवालों ने बताया यूके पुलिस भी घटना की कोई अपडेट नहीं दे रही हैं। घटना को काफी समय हो गया है और अभी तक हर्षिता का शव परिवार वालों को नहीं सौपा गया है।
भारत में पला-बढ़ा हुआ था पंकज।
हर्षिता के परिवार वालो ने बताया की पंकज के माता पिता हरियाणा के झज्जर जिले के धारोली में रहते थे पर पंकज को उसकी बुआ और फुफा ने बढ़ा किया है। शादी के कुछ दिन पहले ही पंकज भारत लौटा था और शादी के दो दिन बाद ही पंकज हर्षिता को लेकर यूके के लंदन में शिफ्ट हो गया। घटना के इतने दिन बितने के बाद भी अभी तक पंकज के घरवालों से पुछताछ नहीं की गई है।
हर्षिता ने अपने परिवारवालों को बताया था कि पंकज कहता था कि उसे यहां पर खुद का घर लेना है, इसलिए उस पर दबाव बनाया जा रहा था। जब हर्षिता से मारपीट की गई तो पंकज के परिवार के लोग उनके घर आए व उन्हें धमकी देकर गए। जब हर्षिता से लगातार मारपीट की गई तो बेटी की परेशानी को देखते हुए पिता ने बेटी के लिए एक प्लॉट को भी बेच दिया था। जिसके कुछ पैसे आ गए थे और कुछ फरवरी में आने वाले थे। इसी बीच उन्हें हर्षिता की हत्या की जानकारी मिली। वहीं, रोज पंकज की हरकतो से तंग आकर हर्षिता पंकज से दूर रहने लगी थी। हर्षिता रोज अपने परिवारवालों से बात करती थी और बताती थी कि किस तरह पंकज उसे आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान करता था।
घटना के बाद से ही परिवार वाले सदमे में है और लचार महसूस कर रहें है। इसकी वजह स्पष्ट है, न तो दिल्ली पुलिस इस केस को रजिस्टर कर रही और न ही यूके पुलिस से किसी तरह की कोई अपडेट मिल रही है। घटना के इतने दिन बाद भी हर्षिता के परिजनों को शव प्राप्त नहीं हुआ है। और अरोपी घटना के बाद से ही फरार है।