दिल्ली सरकार से जुड़े 14 सीएसी रिपोर्ट पिछले डेढ़ साल तक लंबित पड़ी हुई है। इसको लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिख कर दिल्ली विधानसभा की विशेष बैठक बुलाने को कहा है। साथ ही, इन्हें सदन के पटल पर रखने की बात भी कही है। दिल्ली सरकार ने कुछ दिन पहले ही एलजी वीके सक्सेना से इन रिपोर्ट को सदन में रखने की मंजूरी मांगी थी। सरकार की मांग पर एलजी ने उक्त रिपोर्ट को सदन पटल पर रखने की मंजूरी दी।
साथ ही अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए इन्हें विशेष सत्र बुलाने की बात भी कही है। आथा की जा रही है कि इन रिपोर्ट को लेकर दिल्ली में राजनीति गरमा गरमी देखी जा सकती है। वहीं, भाजपा लगातार इस विषय को मुद्दा बनाकर दिल्ली सरकार को घेर रही है। भाजपा का दावा है कि इन रिपोर्ट में दिल्ली सरकार की कई अनिश्चितों का खुलासा होगा। इस मुद्दे को लेकर भाजपा ने सदन के अंदर और बाहर प्रदर्शन भी किया एलजी ने अपने पत्र में कहा कि संवैधानिक दायित्व का पालन करने के लिए बिना समय को गंवाए दिल्ली सरकार तुरंत सत्र बुलाएं। आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी में पूरा हो जाएगा।
इस विधानसभा चुनाव को लेकर जनवरी या दिसंबर में चुनाव का ऐलान हो सकता है। ऐसे में विधानसभा के इस सत्र की बैठक को बुलाने के लिए दिल्ली सरकार को बिना समय गवाएं जल्द ही फैसला लेना होगा। उपराज्यपाल ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया, शराब शुल्क, प्रदूषण और वित्त से संबंधित सभी सीएजी रिपोर्ट स्वीकृत हैं।
उन्होंने कहा इस पर चर्चा के लिए विधानसभा की जल्द ही विशेष बैठक बुलानी चाहिए। वहीं, अदालत ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा जिस उद्देश्य से याचिका को दायर किया गया था वह पूरा हो गया है। उपराज्यपाल की यह प्रतिक्रिया विपक्षी नेताओं की याचिका पर आई है, जिसमें मांग की गई है कि संवैधानिक आदेश के मुताबिक राज्य सरकार की ओर से सीएजी रिपोर्ट विधानसभा के सामने रखी जाए।