मटिया महल से इस बार कौन, शोएब के बाद किसका होगा कब्जा

आगामी विधानसभा चुनाव के पास आते ही सभी पार्टीयों ने अपनी कमर कस ली है। इस बीच सभी दलो का उद्देश्य विधानसभा क्षेत्रों में अपनी पकड़ को मजबूत बनाए रखना है। वहीं, मटिया महल विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक परिद्श्य बाकि विधानसभा क्षेत्रों से बिल्कुल अलग है। इसका कारण है कि यहां न तो कांग्रेस और न ही भाजपा का दबदवा कायम हो सका। पिछले सात विधानसभा चुनावों में इस क्षेत्र से शोएब इकबाल का वर्चस्व रहा है। शोएब इकबाल छह बार अलग अलग दलों के टिकट पर जीत दर्ज की। आपको बता दे कि जब शोएब ने कांग्रेस का दामन थामा, तब उन्हे हार का सामना करना पड़ा था।

साल 2015 में आम आदमी पार्ट के उम्मीदवार आसीम अहमद खान ने शोएब को हराकर यह सीट अपने नाम की थी। वहीं, इस बार शोएब ने चुनाव लड़ने से मना  कर दिया, पर आम आदमी पार्टी ने उनके परिवार पर यकिन करते हुए उनके बेटे आले मोहम्मद इकबाल को टिकट दिया है। इधर, आसीम को कांग्रेस ने मटिया महल से चुनावी मैदान में उतारा है। भाजपा ने अब तक उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है, लेकिन पिछले प्रदर्शन के आधार पर इस बार वह जीत की कोशिशों में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

मटिया महल की सामाजिक संरचना इसे राजनीतिक रूप से दूसरो से अलग बनाती है। यह क्षेत्र मुस्लिम बहुसंख्यक है, पर यहां हिंदुओं की भी अच्छी उपस्थिति है।

इस क्षेत्र के मतदाता  मुख्यता व्यक्तिगत छवि और स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता देते हैं।  जोकि इस क्षेत्र में चुनाव परिणामों को काफी प्रभावित करता है। इस विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देते नजर आएंगे। शोएब के चुनाव न लड़ने के फैसले के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि शोएब की गैरमौजूदगी में इस क्षेत्र के मतदाता किसे अपना समर्थन देंगे।

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Author: Kanchan

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