आम आदमी पार्टी के नेताओं में कांग्रेस को लेकर भारी नाराजगी दिख रही है। आप के सूत्रों के हवाले से यह खबर है कि इंडीया गठबंधन से कांग्रेस को बाहर निकलवाने के लिए आप दूसरी पार्टियों से बातचीत करेगी। आम आदमी पार्टी का कहना है कि कांग्रेस भाजपा के साथ मिलकर काम कर रही है। पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर की मांग के साथ साथ कांग्रेस के नेताओं के बयानों को लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं में नाराजगी है।
इधर, प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष एडवोकेट अक्षय लाकड़ा ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पार्टी से जुड़े अन्य सदस्यों पर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। वहीं, शिकायत में अनुराध किया गया है कि भारतीय न्याय सहिंता की धाराएं 316 और 314 के तहत मामला दर्ज किया गया है। अक्षय लाकड़ा ने बुधवार शाम को आरोप लगाया कि आप ने महिला सम्मान योजना के नाम पर दिल्ली की जनता को गुमराह किया है। उन्होंने कहा कि आप के विधायक और एमसीडी पार्षदों की ओर से व्यक्तिगत डेटा मतदाता पहचान पत्र के साथ फोन नंबर एकत्रित किया जा रहा है।
इधर, दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर यह साफ कर दिया है कि ऐसी कोई योजना लागू नहीं की गई है। लाकड़ा ने आरोप लगाया कि यह कदम धोखाधड़ी और जालसाजी का एक उदाहरण है, जिससे जनता के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश की गई है। उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना को राजनीतिक छलावा करार दिया था।
देवेन्द्र यादव का अरोप है कि योजना के नाम पर महिलाओं को गुमराह करके फार्म भरवाए जा रहे हैं, जबकि दिल्ली सरकार के बाल विकास विभाग की ओर से जारी नोटिस ने यह साफ कर दिया है कि यह कोई सरकारी योजना नहीं है। उनका कहना है कि संयोजक केजरीवाल ने केवल चुनावी लाभ के लिए महिलाओं को 2100 रुपये हर महीने देने का झूठा वादा किया है।
जिसके तहत आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता झुग्गीओं में फार्म भरवाकर महिलाओं की जानकारी एकत्रित कर रहे है। इन फर्जी योजनाओं के माध्यम से आम आदमी पार्टी साइबर अपराध और बैंकिंग धोखाधड़ी को बढ़ावा दे रही है। इस तरह की जानकारी साझा करने से महिलाओं को गंभीर वित्तीय नुकसान भुगतना पड़ सकता है।
वहीं, आम आदमी पार्टी ने साल 2022 और साल 2024 में दिल्ली में महिलाओं को 1000 रुपये मासिक देने का ऐलान किया था, जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया। महिलाओं को आर्थिक सहयोग देने के नाम पर केवल झूठे वादे किए गए, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं किया गया है।