नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम चुनावों के बाद मेयर के चुनाव के लिए बीते छह जनवरी को सदन की पहली बैठक में हुई, जिसमें पार्षदों द्वारा सदन में हुई तोड़फोड़ की वजह से दिल्ली नगर निगम को लगभग 22 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। आपको बता दे कि एमसीडी ने इसका ड्राफ्ट बनाकर एलजी कार्यालय को भेज दिया है। वहीं, एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि सदन में हुए हंगामे के वीडियो के आधार पर पार्षदों को चिह्नित कर उनसे नुकसान की भरपाई कराने की तैयारी हो रही है।
एमसीडी सचिव भगवान सिंह ने बताया कि सिविक सेंटर ए ब्लॉक की चौथी मंजिल पर स्थित अरुणा आसफ अली सभागार में लगे साजो सामान बेहद महंगे हैं। ये सारे साजो सामान निगम सदस्यों के लिए ही लगाए गए हैं। हंगामे के दौरान हुई तोड़फोड़ से काफी सामानों की क्षति हुई है, जिससे करीब 22 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
एमसीडी चुनाव के बाद छह जनवरी को बुलाई गई सदन की पहली बैठक में ही आम आदमी पार्टी और भाजपा से चुनाव जीतकर आए पार्षदों ने हंगामा और तोड़फोड़ भी किया। इन सदस्यों ने अभी शपथ ग्रहण नहीं किया है और इसलिए आधिकारिक तौर पर अभी यह पार्षद नहीं हैं।
डीएमसी एक्ट के मुताबिक सदन में पार्षदों पर कार्रवाई करने का अधिकार मेयर का होता है। मेयर हंगामा करने वाले पार्षदों को आगे की 1-2 बैठकों के लिए निलंबित कर सकते हैं। लेकिन न तो अभी सदस्यों का शपथ और न ही मेयर का चुनाव हुआ है। इसलिए इन नवनिर्वाचित पार्षदों पर क्या कार्रवाई करनी है, यह फैसला निगम ने एलजी कार्यालय पर ही छोड़ दिया है।
24 जनवरी को होने जा रही सदन की अगली बैठक में भी निगम को हंगामे की आशंका है। आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों पुराने मुद्दे पर अड़े हुए हैं। वहीं, दूसरी तरफ दोनों ही पार्टियों के कुछ पार्षद ऐसे हैं, जो शांतिपूर्वक सदन की बैठक कराने के पक्ष में हैं। जिससे कि नवनिर्वाचित पार्षदों का शपथ ग्रहण हो जाने के बाद जल्द से जल्द मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव हो सके।