देश में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया 74वां गणतंत्र दिवस। अंग्रेजों की गुलामी का प्रतीक राजपथ का नाम भारत सरकार के द्वारा बदलकर कर्तव्य पथ कर देने के बाद पहली बार इस पथ पर गणतंत्र दिवस के परेड का आयोजन हुआ। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गणतंत्र दिवस परेड के पहले राष्ट्रीय समर स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। सुबह के 7:30 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झंडा फहराया। उसके बाद राष्ट्रगान के साथ भारत में निर्मित इक्कीस तोपों से राष्ट्रपति मुर्मू को सलामी दी गई। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी को गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। साथ ही मिस्र के सेना बलों की 144 सैनिकों की एक टुकड़ी ने भी परेड में भाग लिया। परेड में कुल 23 झांकियों को प्रदर्शित किया गया । इनमें 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों आंध्र प्रदेश, आसाम, लद्दाख, उत्तराखंड, त्रिपुरा, गुजरात, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, केरला, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटका, हरियाणा, दादरा नगर हवेली और दमन एवं द्वीप तथा उत्तर प्रदेश के थे। जबकी 6 भारत सरकार के मंत्रालयों कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, गृह मंत्रालय (सीएपीएफ), गृह मंत्रालय (एनसीबी), आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (सीपीडब्ल्यूडी), जनजातीय कार्य मंत्रालय के थे।
अग्निवीर स्किम आने के बाद यह पहली बार था जब अग्निविरों ने भी मार्चिंग कर परेड में भाग लिया। पूरे देश से संस्कृति मंत्रालय के द्वारा चयनित होकर आए 479 नर्तकियों ने ‘देवी शक्ति’ और ‘नारी शक्ति’ पर आधारित नृत्य की प्रस्तुति दी।इस साल “मेड इन इंडिया” कैंपेन को बढ़ावा देने के लिए सिर्फ भारत में बनी हथियारों को प्रदर्शित किया गया। वहीं एयर शो में 50 एयरक्राफ्ट और तीनों ही सेनाओं के हेलीकॉप्टर ने भी भाग लिया। विजय फॉरमेशन में एक राफेल लड़ाकू विमान ने 900 किलोमीटर की रफ्तार से सलामी मंच के सामने वर्टिकल चार्ली दिखाते हुए फ्लाई पास्ट किया और इस तरह 74 वें गणतंत्र दिवस परेड समारोह को आयोजन सफलतापूर्ण संपन्न हुआ.