बिल्डिंग निर्माण प्रक्रिया के पड़ोस के मकान में नुकसान को लेकर अदालत का फैसला

बिल्डिंग निर्माण प्रक्रिया के दौरान यदि पड़ोस के मकान में दरारे आती हैं या उसे कोई नुकसान होता है तो बिल्डिंग बनाने वाले को हर्जाना देना होगा।
ऐसा ही एक फैसला दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने सुनाया है जिसमें एक कार्रवाई के दौरान पड़ोसी के मकानों में दरारें आ गई थी जिसके लिए कोर्ट ने मकान बनाने वाले पर भारी जुर्माना लगाया,और जुर्माने की राशि पड़ोसियों को देने का आदेश दिया है।
ऐसा ही एक मामला शास्त्री नगर में भी देखने में आया है जब भवन निर्माण प्रक्रिया के दौरान उसके आस-पड़ोस की तीन बिल्डिंगों को भारी क्षति हुई है।

ज्ञात रहे सदर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले शास्त्री नगर में बीते 5 सालों में बिल्डर माफिया बड़े स्तर पर काम कर रहा है और क्षेत्र की हर गली में अवैध निर्माणों की बाढ़ सी आई हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि विधायक के करीबी कुछ लोग बिल्डर्स बने बैठे हैं और अवैध बिल्डिंगों का निर्माण धड़ल्ले से कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि इन बिल्डिंगों में विधायक व उसके साथियों की हिस्सेदारी होती है जिसके कारण ही निगम के अधिकारी उनकी बिल्डिंगों मे कार्रवाई करने से डरते हैं।

अब देखना यह होगा कि अदालत के इस तरह के निर्णय आने के बावजूद भी निगम दिल्ली नगर निगम क्या कार्रवाई करता है और इस बिल्डिंग को बनने से रोकता है या अभी भी अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर विधायक के गुर्गों की मदद करता है

लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करके बनाई जा रही है बिल्डिंग, निगम ने आंखों पर बांध रखी हैं पट्टी

Narender Dhawan
Author: Narender Dhawan

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