दिल्ली दंगों के बदमाशों को दोषी ठहरने में लग गए डेढ़ साल

दिल्ली दंगों से तो हम सब वाखिफ़ हैं जहां उपद्रवियों द्वारा लोगों के घर में तोड़फोड़ व लूटपाट किया गया जिससे लोगों की जान व लाखों , करोड़ों का नुक्सान भी हुआ। दिल्ली के कारकारडूमा कोर्ट में आज दिल्ली दंगो में शामिल 9 अपराधियों को दोषी करार दिया गया जिस पर 1 साल से कार्यवाही चल रही थी। अदालत ने कहा कि आरोपी व्यक्ति एक हुर्दंगों के भीड़ का हिस्सा थे, जिसका उद्देश्य हिंदू समुदाय के व्यक्तियों की संपत्तियों को ज़्यादा नुकसान पहुंचाना था। यह मामला दंगों के दौरान गोकुलपुरी इलाके में दंगे, आगजनी और तोड़फोड़ से जुड़ा है।

अदालत ने कहा की उपद्रवियों की चेष्ठा थी की हिन्दू समुदाय के लोगों को अधिक्तम नुक्सान पहुँचाया जाए , उनके खिलाफ दंगे भड़कायें जाए। कोर्ट ने मोहम्मद शाहनवाज उर्फ शानू, मोहम्मद शोएब उर्फ छुटवा, शाहरुख, राशिद उर्फ राजा, आजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद फैसल को दोषी करार दिया व राशिद उर्फ मोनू के खिलाफ दंगा, चोरी, आगजनी कर उपद्रव करने, संपत्तियों को आग लगाकर नष्ट करने और अवैध जमावड़े से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
शिकायत करने वाले परिवारों ने बताया की उपद्रवियों ने उनके घर के गेट तोड़के घुसने की व लूटने की कोशिश की जिसमे वह सफल हुए जिससे डरकर महिला ने अपने पति को फ़ोन किया जिसके बाद उनके पति उन्हें सुरक्षित जगह गए। उनको बाद में पता चला की हुर्दंगों ने उनके घर के गेट को तोड़ दिया है और उनके घर की महंगी चीज़ें लेने के बाद उनके घर को आग के हवाले कर दिया। ऐसे ही एक नहीं कई मामले सामने आए जिसमे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। प्रतिदिन की आवाजाही में रोक , व खाने पीने की दिक्कत मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पीड़ितों की गवाही, सोशल मीडिया पर वायरल हुई फुटेज, सीसीटीवी कैमरों की जांच, मोबाइल सर्विलांस और सार्वजनिक गवाहों की मदद से अपराध में शामिल दंगाइयों की पहचान कर रही थी। जाँच में पता चला कि इन दंगों में मोहम्मद शाहनवाज, मोहम्मद शोएब, शाहरुख, राशिद, आजाद, अशरफ अली, परवेज , मोहम्मद फैसल और राशिद शामिल थे। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। ज़िला अदालत ने अपने आदेश में ये भी कहा कि पुलिस ने आरोपियों को वापस जाने की अपील की. बावजूद इसके दंगाइयों ने अपना उत्पात जारी रखा. भीड़ ने शिकायतकर्ता रेखा शर्मा के घर को लूट लिया, घर के बाक़ी सामानों को तोड़ा और घर को आग लगा दी.


दिल्ली दंगों में कई लोगों के लाखों का सामान बर्बाद हुआ बल्कि व्यापार पर भी काफी असर पड़ा था क्यूंकि दंगों के चलते दुकाने नहीं खुलने के कारण लोगों के रोज़गार पर भी काफी फर्क पड़ने लगा था। सिर्फ आम नागरिक ही नहीं पुलिस कर्मियों से भी दुष्कर्म किया गया।
आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा , जो तत्पर अपनी ड्यूटी निभा रहे थे , उनपर भी 52 बार वार कर उन्हें नाले में फ़ेंक दिया।

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Author: Arit

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