टिल्लू गिरोह को कमजोर करने के लिए बॉक्सर ने की थी बिल्डर अमित की हत्या

नई दिल्ली। गैंगस्टर दीपक पहल उर्फ बॉक्सर की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के जरिए दिल्ली पुलिस लंबे समय से लंबित पड़े मामलों को सुलझाने में सफल हो रही है। स्पेशल सेल की पूछताछ में बॉक्सर ने बिल्डर अमित गुप्ता हत्याकांड मामले में सनसनीखेज खुलासा किया है। बॉक्सर ने बताया कि अमित की हत्या टिल्लू ताजपुरिया गिरोह को पूरी तरह कमजोर करने के लिए की गई थी। टिल्लू व गिरोह के सदस्यों की अमित वित्तीय सहायता कर रहा था।

बॉक्सर ने बताया कि बिल्डर अमित गुप्ता को खत्म करने के लिए तिहाड़ में बंद दिनेश कराला ने बॉक्सर को आदेश दिए थे। बॉक्सर ने उस बात से इंकार किया है कि उसने पांच करोड़ की रंगदारी नहीं देने पर बिल्डर की हत्या की है। स्पेशल सेल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जितेंद्र गोगी गिरोह के शूटरों के पास जिगाना व स्टार जैसी 5.5 लाख की पिस्टल व हथियार थे। ऐसे में टिल्लू ने अमित को महंगे व आधुनिक हथियार खरीदने के लिए पैसे देने को कहा था, ताकि वह गोगी गिरोह से टक्कर ले सके।

साथ ही, वह गोगी गिरोह को पता था कि अमित वित्तीय सहायता कर रहा है। बॉक्सर को ये भी पता लगा कि फज्जा को मरवाने में अमित का हाथ है। उसने टिल्लू के कहने पर पुलिस को मुखबिरी की थी। करीब एक हजार करोड़ का मालिक अमित झंगौला गांव में फार्महाउस भी बनाने जा रहा था।

ऐसे में दिनेश कराला ने मई.जून में तिहाड़ से फोन कर बॉक्सर को अमित की हत्या करने के लिए कहा था। बॉक्सर खुद उसे मारने गया, लेकिन विफल रहा था। इसके बाद उसने शूटरों को अमित की हत्या करने को कहा था। शूटरों ने सिविल लाइंस इलाके में 23 अगस्त को बिल्डर अमित गुप्ता की हत्या कर दी थी। पुलिस बॉक्सर दीपक के सभी शूटर को गिरफ्तार कर चुकी है। बस दीपक ही फरार था।

बॉक्सर के खुलासे से तिहाड़ जेल प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं। दिनेश काफी समय से तिहाड़ में बंद है। बताया जा रहा है कि जितेंद्र गोगी भी उसे नमस्ते करता था। वह बॉक्सर के साथ मिलकर गोगी गिरोह को चला रहा था। मुरादाबाद के पते से पासपोर्ट बनवाने वाले बॉक्सर के खिलाफ छजलैट थाने में केस दर्ज किया गया है। आरोपी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुद को गोपालपुर नत्थानंगला उर्फ कोकरपुर निवासी रवि अंतिल बताकर पासपोर्ट बनवाकर लिया था।

दीपक ने एक सप्ताह में ही पासपोर्ट बनवा लिया था। उसके कागजात न तो जांच में पकड़े गए और न ही उसे कोई दिक्कत आई। अफसरों ने एक सिपाही पर कार्रवाई करते हुए इस बड़ी लापरवाही पर पर्दा डालने की कोशिश की है। पुलिस के साथ ही एलआईयू ने भी पासपोर्ट पर रिपोर्ट लगाने में लापरवाही बरती है।

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Author: Harnam

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