हरियाणा की लुप्त हो चुकी नदियों को फिर पुनः जीवित करेगी अरावली ग्रीन वॉल परियोजना

हरियाणा की लुप्त हो चुकी नदियों को फिर से जीवित किया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल अरावली ग्रीन वॉल परियोजना के ऊपर बीते महीने जमीनी स्तर पर काम शुरू हो गया है। इस परियोजना के माध्यम से जल निकायों व प्रदेश के दक्षिणी हिस्से से होकर कभी गुजरने वाली लुप्त हो चुकी नदियों को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी। नदियों के फिर से जीवित होने से पेयजल की समस्या से जूझ रहे गुरुग्राम शहर के भूजल में भी बढ़ोतरी होगी। साइबर सिटी में बढ़ती आबादी के कारण भूजल स्तर की हालात लगातार खराब होती जा रही है। सिंचाई विभाग द्वारा किए गए सर्वे में इसकी पुष्टि हो चुकी है।

अरावली पर्वत शृंखला के साथ साथ गुजरात के पोरबंदर से हरियाणा के पानीपत तक बन रही ग्रीन वॉल प्रदेश के दक्षिणी जिलों से होकर गुजरेगी। हरियाणा के इस दक्षिणी क्षेत्र से कभी चार नदियां गुजरती थी, जिनमें बारह महीने पानी का सतत प्रवाह बना रहता था। बीते दशकों में हुए अरावली के शोषण और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण यह नदियां लुप्त हो गई हैं। नदियों के सूखने के कारण बंजर भूमि में बढ़ोतरी हुई है, जिसे पुनर्जीवित करने के लक्ष्य के तहत ग्रीन वॉल परियोजना की शुरुआत की गई है। इस परियोजना के अंतर्गत गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, फरीदाबाद और पानीपत जिले में करोड़ों पौधे लगाए जाएंगे।

अरावली ग्रीन वॉल परियोजना से गुरुग्राम के भूजलस्तर में आएगा सुधार
बढ़ते शहरीकरण के कारण गुरुग्राम के भूजल स्तर में काफी कमी आयी है एक सर्वे के अनुसार 1974 से 2021 तक करीब छह गुना गिर चुका है।दक्षिण हरियाणा के किसानों को होगा फायदा, बढ़ेगी उपजाऊ भूमि

ग्रीन वॉल परियोजना के चलते पुनर्जीवित होने वाली नदियों से प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में मौजूद बंजर भूमि उपजाऊ भूमि में परिवर्तित हो जाएगी। इससे प्रदेश में खेती का दायरा बढ़ेगा। सिंचाई के लिए होने वाले किसानों के खर्च में भी कटौती आएगी। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।हरियाणा की साहिबी नदी ,दोहन नदी ,कृष्णावती नदी और यमुना नदी को फिर से जीवित किया जायेगा।

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Author: Staff Reporter

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