सूडान से मिशन कावेरी के तहत अब तक 550 भारतीय निकले गए

भारत ने एक बार फिर से अपना नाम हर देश के दिलों में लिख दिया है। सूडान में चल रहे गृह युद्ध में कई लोगों को जान गई जिस में बच्चे भी शामिल हैं। अब तक सूडान में 410 लोगों की मौत हो चुकी है और कई गंभीर रूप से घायल हैं।
इस बढ़ते दंगे व इस आक्रोश में भारतीयों को निकालने का काम अब भारत ने शुरू कर चुका है। सूडान में 72 घंटे के संघर्ष विराम के बाद राजधानी खार्तूम समेत देश के अन्य हिस्सों में झड़पें जारी हैं। इस बीच, पिछले 24 घंटों में साढ़े पांच सौ से ज्यादा भारतीयों को निकाल लिया गया है। इन्हें सऊदी अरब के जेद्दाह लाया जा चुका है। अब तक तीन बैच में 561 लोगों को जेद्दाह पहुंचा दिया गया है। सूडान में 4 हजार से ज्यादा भारतीय रहते हैं।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ‘ऑपरेशन कावेरी’ के तहत पहले बैच में 278 भारतीयों को नेवी के जहाज INS सुमेधा से सूडान पोर्ट से सऊदी अरब के जेद्दाह पहुंचाया गया। इसके बाद 148 और 135 भारतीयों को भारतीय वायु सेना के C-130J एयरक्राफ्ट से जेद्दाह लाया गया। अब इन्हें जल्द ही एयरलिफ्ट कर भारत लाया जाएगा।

आइए अब जानते हैं , क्यों यह हिंसा हो रही हैं?

सूडान में मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच वर्चस्व की लड़ाई है। 2019 में सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर को सत्ता से हटाने के लिए लोगों ने प्रदर्शन किया। अप्रैल 2019 में सेना ने राष्ट्रपति को हटाकर देश में तख्तापलट कर दिया, लेकिन इसके बाद लोग लोकतांत्रिक शासन और सरकार में अपनी भूमिका की मांग करने लगे। इसके बाद सूडान में एक जॉइंट सरकार का गठन हुआ, जिसमें देश के नागरिक और मिलिट्री दोनों का रोल था। 2021 में यहां दोबारा तख्तापलट हुआ और सूडान में मिलिट्री रूल शुरू हो गया।
आर्मी चीफ जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान देश के राष्ट्रपति और RSF लीडर मोहम्मद हमदान डागालो उपराष्ट्रपति बन गए। इसके बाद से RSF और सेना के बीच संघर्ष जारी है। सिविलियन रूल लागू करने की डील को लेकर मिलिट्री और RSF आमने-सामने हैं। RSF सिविलियन रूल को 10 साल बाद लागू करना चाहती है, जबकि आर्मी का कहना है कि ये 2 साल में ही लागू हो जाना चाहिए।

Arit
Author: Arit

Leave a Comment