ग्रेटर नोएडा स्थित रबूपुरा कस्बे के मोहल्ला शांतिनगर में चार साल के मासूम दानियाल के गले में टॉफी फंसने पर उसके पिता शाहरूख व अन्य परिजन चार घंटे तक इलाज के लिए भटकते रहे। कस्बे में उपयुक्त इलाज न होने के कारण वह बच्चे को पड़ोसी जिले बुलंदशहर में लेकर पहुंचे। वहां भी वह कई चिकित्सक व अस्पताल में बच्चे को लेकर पहुंचे लेकिन मासूम की दम घुटने के कारण जान नहीं बच पाई। परिजन ने सोमवार को बच्चे का शव सुपुर्द-ए-खाक कर दिया है। परिजन दुकानदारों से इस तरह बच्चों को टॉफी न देने की अपील कर रहे हैं।
कस्बे के मोहल्ला शांति नगर के रहने वाले शाहरुख़ के इकलौते बेटे 4 वर्षीय दानियाल की रविवार रात को मौत हो गई। दानियाल के बाबा इकबाल खां ने बताया कि रविवार दोपहर करीब दो बजे दानियाल ने खाना खाया था। खाना खाने के बाद वह मोहल्ले की ही एक दुकान से टॉफी खरीदी थी। टॉफी खाने के बाद अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई।
दानियाल को तीन-चार हिचकियां आईं और वह जमीन पर गिर गया। टॉफी उसके गले में फंस गई थी। छटपटाते बच्चे को परिजन गोद में लेकर गले से लगाते हुए कस्बे के क्लीनिक पर ले गए। जहां पर सही उपचार न मिलने के चलते वे उसे झाझर स्थित अस्पताल में ले गए जहां से उसे बुलंदशहर के लिए रेफर कर दिया गया।
परिजन बच्चे को कई सारे निजी अस्पतालों में ले गए और उसके बाद जब उसे एक सरकारी अस्पताल में ले जाया गया तो उसे मृत घोषित कर दिया गया। डॉक्टर ने उसकी मृत्यु का कारण छाती में टॉफी अटकने को बताया।
बच्चे की माता निशा और पिता शाहरुख़ का कहना है की कसबे में उपचार की सही व्यवस्था नहीं है जिस कारण से बच्चे को सही उपचार नहीं मिल पाया अगर बच्चे को सही उपचार मिलता तो वह बच सकता था।