अयोध्या प्रकरण में फैसला न देने का था दबाव

जस्टिस अग्रवाल ने किये चौंकाने वाले खुलासे, कहा- अयोध्या प्रकरण में फैसला न देने का था दबाव

उन्होंने कहा, उन पर अयोध्या के राम जन्मभूमि मामले में फैसला टालने का भारी दबाव था। उन्होंने कहा, लोग चाहते थे कि मैं फैसले को टाल दूं। कोई यह फैसला नहीं करना चाहता था। मैं नहीं करता, तो 200 साल तक टलता रहता।
Meerut: Justice Aggarwal made shocking revelations, said- there was pressure not to give verdict in Ayodhya ca

मेरठ कॉलेज में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए जस्टिस अग्रवाल ने कहा, फैसला सुनाते समय मुझ पर कोई तनाव नहीं था। हां, जब पकड़े गए कुछ लोगों ने बताया कि फैसला सुनाने वाले जजों को मारना है, तब परिवार जरूर तनाव में आ गया था। उन्होंने बताया, दबावाें का विवरण मैंने अपनी जीवनी में दिया है।

उन्होंने कहा, जब अयोध्या मामले की पीठ में मेरा नाम डालने की बात हुई चीफ जस्टिस ने पूछा, ब्रदर हम इस पीठ में आपको डालना चाहते हैं, आपको कोई आपत्ति है? मैंने कहा, आप मुझे नियुक्त करें, लेकिन यदि मैं नियुक्त हुआ तो मुकदमे का फैसला करूंगा।

इसी फैसले से मेरी पहचान
स्टिस अग्रवाल ने कहा, मैं गुजरात, महाराष्ट्र, दक्षिण भारत व पूर्वोत्तर गया, सब जगह श्रीरामजन्मभूमि के फैसले के कारण मेरी पहचान है। पहली बार चेन्नई गया तो वहां लोगों ने फोटो खींचे, पैर छुए। इससे समझ में आता है कि श्रीराम हमारे जीवन में कितने गहरे समाए हैं।

Shanu Jha
Author: Shanu Jha

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