मध्यभारत में छाया तूफान बिपरजॉय का खतरा

मुंबई। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। रविवार यह गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया और इसके 15 जून को गुजरात के कच्छ जिले पहुंचने की संभावना है। सबसे अधिक खतरा 15 जून को ही है। मौसम विभाग ने सौराष्ट्र और कच्छ तटों के लिए चक्रवात के संबंध में अलर्ट भी जारी किया है।15 जून की दोपहर को गंभीर चक्रवाती तूफान के सौराष्ट्र एवं कच्छ और मांडवी (गुजरात) के तटों से गुजरने की संभावना है।

इस तूफान का असर गुजरात के साथ- ही महाराष्टृ, गोवा और उत्तर-पूर्व भारत में भी होगा।
इस तूफान का सबसे अधिक खतरा 15 जून को है और इसके आने से पेड़, बिजली के खंबे, सेलफोन टॉवर उखड़ सकते हैं जिसकी वजह से बिजली और दूरसंचार में दिकतो का सामना करना पड़ सकता है। इस के साथ फसलों के भी नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
बढ़ते हुए तूफान के हालात को देखते हुए प्रथानमंत्री ने हइलेवेल मीटिंग की। इस मीटिंग मे NDRF की टीमों को तैनात करने का फैसला किया गया। गुजरात में धारा 144 भी लगा दी गयी है ताकि लोगो को समुंदरी तटों पर जाने से रोका जा सके।
बिपरजॉय तूफान उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बढ़ रहा है। IMD के अनुसार यह तूफान लगभग 620 km WSW मुंबई , 560 km दक्षिण – दक्षिणपश्चिम पोरबंदर तक इसका प्रभाव रहेगा। गुजरात में अगले चार दिन में हलकी फुलकी बारिश होने का अनुमान है, खासकर सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में हवा की गति तेज रहेगी।
मौसम विभाग ने 15 जून तक सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय क्षेत्रों में मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को पूरी तरह से रोकने की सलाह दी है और मछुआरों को 12 से 15 जून के बीच मध्य अरब सागर और उत्तरी अरब सागर तथा 15 जून तक सौराष्ट्र-कच्छ तटों के पास नहीं जाने का निर्देश दिया है।

Vinayak Kumar
Author: Vinayak Kumar

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