केजरीवाल कैसे पहुंचे ईडी की रेडार पर, क्या है आरोपी के साथ बैठक से लेकर वीडियो कॉल तक का मामला

 

दिल्ली शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के नेताओं की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। घोटाले की जांच की आंच अब पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक पहुंच गई है। मामले की जांच कर रही ईडी ने केजरीवाल को गुरुवार को पेश होने के लिए कहा है।

दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में मनी लांड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने अपनी चार्जशीट में कई बार अरविंद केजरीवाल के नाम का जिक्र किया है। ईडी ने दावा किया कि आबकारी नीति AAP के शीर्ष नेताओं द्वारा बनाई गई थी, ताकि लगातार अवैध धन कमा कर खुद तक पहुंचाया जा सके।

इससे पहले अप्रैल 2023 में सीबीआई ने आप नेता केजरीवाल से शराब नीति मामले में पूछताछ की थी। ऐसे में सवाल उठते हैं कि आखिर शराब घोटाला है क्या? नई शराब नीति क्या थी? इसमें किस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप हैं? सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को क्यों समन भेजा था? अब ईडी उनसे क्यों पूछताछ करने वाली है? आइये जानते हैं सभी सवालों के जवाब…

पहले जानते हैं आखिर क्या है शराब नीति घोटाला?
कोरोना काल के बीच दिल्ली सरकार ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 लागू की थी। इस शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें आईं जिसके बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई। हालांकि, नई शराब नीति को बाद में इसे बनाने और इसके कार्यान्वयन में अनियमितताओं के आरोपों के बीच रद्द कर दिया गया था।

जांच कैसी शुरू हुई?
सीबीआई ने अगस्त 2022 में इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ नियमों के कथित उल्लंघन और नई शराब नीति में प्रक्रियागत गड़बड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की। बाद में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के संबंध में ईडी ने पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच शुरू कर दी।

ईडी और सीबीआई दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में कथित घोटाले की अलग-अलग जांच कर रही हैं। ईडी नीति को बनाने और लागू करने में धन शोधन के आरोपों की जांच कर रही है। वहीं, सीबीआई की जांच नीति बनाते समय हुई कथित अनियमितताओं पर केंद्रित है.

अभी तक कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं?
दिल्ली शराब नीति अनियमितता मामले की जांच कर रही दोनों एजेंसियां सीबीआई और ईडी अब तक 15 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी हैं। इसमें संजय सिंह, मनीष सिसोदिया, विजय नायर, समीर महेंद्रू, अरुण रामचंद्रन, राजेश जोशी, गोरन्तला बुचिबाबू, अमित अरोड़ा, बेनॉय बाबू (फ्रांसीसी शराब कंपनी पर्नोड रिकार्ड के महाप्रबंधक), पी. सरथ चंद्र रेड्डी, अरबिंदो फार्मा के पूर्णकालिक निदेशक और प्रमोटर, व्यवसायी अमनदीप धाल और व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली शामिल हैं।

 

अब ईडी ने केजरीवाल को समन क्यों भेजा?
अब रद्द की जा चुकी दिल्ली की शराब नीति में मनी लांड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने अपनी चार्जशीट में कई बार अरविंद केजरीवाल के नाम का जिक्र किया है। अदालत में दायर आरोप पत्र में ईडी ने बताया कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 आप के शीर्ष नेताओं द्वारा बनाई गई थी, ताकि लगातार अवैध धन कमा कर और उसे अपने पास लाया जा सके। ईडी ने दावा किया कि यह नीति अवैध और आपराधिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए जानबूझकर कमियों के साथ बनाई गई थी।

 

केजरीवाल के साथ आरोपी की वीडियो कॉल 
ईडी के मुताबिक, इस पूरे घोटाले को अंजाम देने वाला विजय नायर है जो दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का करीबी है। नायर ही आबकारी नीति से जुड़े मामलों के लिए सिसोदिया के साथ करीबी तौर पर बातचीत कर रहा था। विजय नायर के खुद के बयान के अनुसार, वह अरविंद केजरीवाल के कैंप कार्यालय से कार्य करता है। इसके अलावा विजय नायर 2020 से दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत को आवंटित सरकारी बंगले में रह रहा है, जो कि उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 के जीओएम का हिस्सा हैं। विजय नायर के पास दिल्ली में कोई अन्य आवास नहीं है। एजेंसी ने आश्चर्य जताया कि गहलोत नजफगढ़ में एक अन्य निजी आवास पर रहते हैं।

एजेंसी ने दावा किया कि विजय नायर ने शराब कारोबारी और इंडो स्पिरिट्स के मालिक समीर महेंद्रू की अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक की व्यवस्था की थी। जब बैठक की बात नहीं बनी तो विजय ने अपने फोन पर समीर और अरविंद केजरीवाल के लिए एक वीडियो कॉल की व्यवस्था की। तब अरविंद केजरीवाल ने समीर से कहा कि विजय उनका आदमी है और समीर को उस पर भरोसा करना चाहिए और उसके साथ आगे बढ़ना चाहिए।

ईडी ने दावा किया कि इन तथ्यों से उत्पाद शुल्क नीति घोटाले के संबंध में आम आदमी पार्टी के राजनीतिक नेताओं की भूमिका स्पष्ट होती है।

Mehak Bharti
Author: Mehak Bharti

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