लोकसभा चुनाव में भाजपा का खाता खुल गया है। सूरत जिला चुनाव कार्यालय के मुताबिक, मुकेश दलाल को छोड़कर सूरत से मैदान में उतरे सभी आठ उम्मीदवारों (चार निर्दलीय, तीन छोटे दलों से और बहुजन समाज पार्टी के प्यारेलाल भारती) ने आखिरी दिन अपना नामांकन वापस ले लिया।
लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले ही भाजपा के खाते में एक सीट आ गई है। दरअसल, गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। एक अधिकारी के मुताबिक, कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने और अन्य सभी प्रत्याशियों के अपने नामांकन वापस लेने के बाद ऐसे समीकरण बने हैं। नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन आठ उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया। वहीं कांग्रेस ने इस पर सवाल उठते हुए कहा कि ये मैच फिक्सिंग है। दरअसल, सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुम्भानी चुनाव अधिकारी के समक्ष अपने तीन में से एक भी प्रस्तावक को मौजूद नहीं रख पाए थे जिसके बाद चुनाव अधिकारी ने निलेश कुम्भानी का नामांकन फॉर्म रद्द कर दिया था। बीजेपी ने कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुम्भानी के फॉर्म में उनके तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर को लेकर सवाल उठाए थे।
इससे पहले भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सूरत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहला कमल भेंट किया है। मैं सूरत लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवार मुकेश दलाल को निर्विरोध निर्वाचित होने पर बधाई देता हूं।
इन लोगों ने वापस लिया नाम
सूरत जिला चुनाव कार्यालय के मुताबिक, मुकेश दलाल को छोड़कर सूरत से मैदान में उतरे सभी आठ उम्मीदवारों (चार निर्दलीय, तीन छोटे दलों से और बहुजन समाज पार्टी के प्यारेलाल भारती) ने आखिरी दिन अपना नामांकन वापस ले लिया।
कांग्रेस ने भाजपा को घेरा
इस बीच कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि कुंभानी का नामांकन फॉर्म भाजपा के इशारे पर खारिज कर दिया गया। उनका कहना था कि वह इसे हाईकोर्ट में चुनौती देगी। वहीं, पार्टी ने सोमवार को दावा किया कि भाजपा एमएसएमई मालिकों और व्यापारिक समुदाय के गुस्से से डर गई है। इस वजह से उसने सूरत लोकसभा सीट पर भी ‘मैच फिक्सिंग’ की कोशिश की। इस सीट पर भाजपा 1984 से जीतती आ रही है।