दिल्ली पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण की चादर में लिपटी हुई हैं। प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर काबू पाने के लिए ग्रैप का चैथा चरण लागू कर दिया गया था। जिसके तहत दिल्लीवासियों को कई तरह की पाबंदिया में रहना पड़ रहा हैं। ग्रैप की पाबंदीयो से सबसे अधिक प्रभावित शैक्षिक संस्थान हो रहें है। और ऐसे में सुप्रिम कोर्ट ने प्रदुषण को लेकर डांट लगाई थी। जिसके बाद दिल्ली पुलिस में हरकत देखने को मिली है। अब दिल्ली पुलिस ने एक बढ़ा कदम उठाया है।
अब दिल्ली पुलिस की पीसीआर वैन और स्थानीय थाना पुलिस भी अब ग्रैप-4 के नियमों का उल्लघंन करने वाले वाहनों का चलान कर सकती है। अब से स्थानीय पुलिस को एक या दो चलान मशीनें और पीसाआर वैन में एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी होंगा।
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने सुप्रीम कोर्ट के डांटने के बाद बाद सभी 15 जिला कप्तानों व उनसे सीनियर पुलिस अधिकारियों की बैठक बुलाकर कडे आदेश दिए हैं। इसके साथ ही यह कहा कि लापरवाही करने वाले अधिकारी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी थाने में मंगलवार को चालान मशीनें पहुंचा दी गई थी। क्षेत्रफल को हिसाब से किसी थाना पुलिस को एक या किसी थाना पुलिस को दो चालान मशीनें दी गई हैं और हर थाने से हर रोज शाम जिला कप्तान अपडेट लेंगे ।वहीं, पुलिस को दी गई चालान मशीन का लॉगिन आर्ईडी थाना अध्यक्ष के नाम से बनेगी।
इसके अलावा पीसीआर की 88 प्रखर वैनों को प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चालान करने में लगाया गया जा रहा हैं। यह सभी आदेश व सुप्रिम कोर्ट का डांट लगाने का उदेश्य साफ है। प्रदूषण के इस बढ़ते स्तर को काबू करना, ताकि ग्रैप की पाबंदियों से जल्द ही छुटकारा पाया जा सकें और ग्रेप की पाबंदियों से प्रभावित होनें वाले क्षेत्र समान्य तरीके से काम कर सकें। ग्रैप लगने के बाद भी दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर रोक लगाने के बाद भी लगातार उल्लघंन हो रहा था। जिसका अर्थ निकलता है कि प्रदूषण पर काबू पाने के लिए लगाए ग्रैप का कोइ फायदा नहीं हैं। और इससे सभी क्षेत्रों को और भी लंबे समय तक प्रभावित रहना होगा।