राष्ट्रीय प्रदूषण दिवस ; नहीं बदले दिल्ली के हलात, प्रदूषण की चादर में अभी तक लिपटे लोग।

राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की हालत बेहद खराब है दिल्ली में न तो हवा ठीक है और न ही पानी। सभी बेहद प्रदूषित है। आद दिसंबर का दूसरा दिन है यानी आज राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस है। पर यदि दिल्ली के संदर्भ में इसकी बात की जाए तो परिस्थितिया कुछ और ही बयां करती है दिल्ली के इस बेहद खराब प्रदूषण के चलते लोगों को कई प्रकार की समस्या का सामना करते है। वहीं, प्रदूषण को लेकर सरकारी वादे, विभागीय कार्यवाही और कोर्ट के आदेश के बाद भी कोई खासा असर नहीं देखने को मिलता। जहां एक ओर यमुना नदी वर्षों से अपनी सांसों के लिए गुहार लगाती दिख रही है, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं आता स्थिति वैसी की वैसी ही है।

वहीं, वायु प्रदूषण हर साल दिल्ली को गैस चैंबर बना रहा है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि समय तो बदला, लेकिन हालात नहीं बदल रहें। केवल प्रदूषण कागज में ही नियंत्रित होते दिखते है। प्रदूषण से जुड़ी शिकायतों के निपटारे में सबसे फिसड्डी दिल्ली जल बोर्ड नजर आती है। दिल्ली जल बोर्ड  के बाद नंबर आता है दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का जिसके चलते परिस्थितियां निरंतर विकट होती जा रही हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, प्रदूषण के मामले में सबसे अधिक शिकायतें एमसीडी को प्राप्त हुई हैं। इसमें 4415 शिकायत में से केवल 2427 शिकायतों का निस्तारण किया गया है। 45 फीसदी अभी भी सुलझी नहीं हैं।

डीजेबी को 192 शिकायतें मिलीं। इसमें 56 प्रतिशत शिकायतों पर अभी तक एजेंसी ने ध्यान ही नहीं दिया है। प्रदूषण से संबंधित शिकायतों का निपटारा केवल कागजों और फाइलों में स्थिति को सुधारा जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर समय से शिकायतों को सुलझाया नहीं जाता तो स्थिति और खराब होती है। यह आंकड़े विभागों व एजेंसियों के दावों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं। यमुनोत्री से निकलकर संगम तक जाने वाली यमुना नदी का दो फीसदी हिस्सा दिल्ली से होकर गुजरता है, लेकिन यमुना में  प्रदूषण फैलाने में राजधानी का ही सबसे बड़ा हिस्सा माना जाता है।

एक अध्ययन के अनुसार यमुना लगभग 80 फीसदी प्रदूषित केवल दिल्ली में होती है। दिल्ली में अगर यमुना नदी को देखा जाए तो उसमें भारी मात्रा में सफेद झाग नजर आता है। वह और कुछ नहीं बल्कि पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने की वजह से बनने वाला झाग होता है।

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Author: Kanchan

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