अगर गांजा रखना या फिर इसकी तस्करी करना अपराध हैं तो फिर कई राज्यों में इसकी खेती क्यों हो रही हैं ?

पूरे विश्व में कई तरीके के नशीले पदार्थ मौजूद हैं जिसमे से आपने चरस,गांजा और भांग के बारे में सुना ही होगा और कई देशे में इसको रखना या फिर इससे बेचना अवैध हैं । साथ ही इसकी तस्करी करने पर जुर्माना और सजा का भी प्रावधान सुनिश्चित किया गया हैं। बता दें भांग की खेती वैध तरीके की जाती हैं और लाईसेन्सी सरकारी दुकानों पर भी बेचा जाता हैं परन्तु क्या आप जानते हैं अगर गांजा रखना अवैध हैं तो फिर कई राज्यों में इसकी खेती क्यों हो रही हैं? आइए जानते हैं।

हमारे देश भारत में आज भी गांजा अवैध हैं,लेकिन इसको वैध करने के लिए लम्बे समय से बहस हो रही हैं । जबकि वही देखा जाए तो दुनिया के कई देशो में गांजा वैध हैं । और वहां के लोग इसकी खेती कर लाखो रूपये कमा रहा रहे हैं। बता दें कि पीएम राजीव गाँधी की सरकार में एनडीपीएस एक्ट 1985 के तहत भारत में इसकी खेती करने पर बैन लगा दिया गया था । लेकिन इससे पहले भारत में इसकी खेती की जाती थी। भारत देश में कहाँ-कहाँ होती हैं गांजा की खेती चलिए आपको बताते हैं।

देश में गांजे की सबसे ज्यादा खेती उड़ीसा,पश्चिम बंगाल,आंध्र प्रदेश और बिहार के दुर्गम जंगली क्षेत्रों में अवैध रूप से की जाती हैं क्युकी इसकी खेती और बिक्री पर पूरी तरह बैन लगा हुआ हैं। बिना कानूनी अनुमति के गांजे की खेती करना अपराध की श्रेणी में आता हैं।  Cannabis Sativa प्रजाति का एक पौधा होता है, इस पौधे के सबसे ऊपर वाले भाग अर्थात फल और फूल को सुखाया जाता है जिसे गांजा कहा जाता है।

इसी पौधे की पत्तियां और बीज से भांग बनती है जिसे सूखने के बाद इसका जों तेल निकाला जाता है उसे चरस कहा जाता है।  इस पौधे के तने और जड़ों का इस्तेमाल इंडस्ट्रियल यूज के लिए होता है।

कैनाबिस के पौधे से तकरीबन 100 तत्व निकलते हैं नशे में इस्तेमाल होने कारण सबसे ज्यादा चर्चा मे THC और CBD रहते है, CBD का इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज के लिए भी किया जाता है, कई दवाइयां बनाने मे कैनाबिस का प्रयोग भी होता है।  उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से गांजे की तस्करी के कई मामले सामने आते रहते है क्युकी इन राज्यों से कम रेट में गांजा खरीदकर दूसरी जगह पर इसको तीन गुने-चार गुने दाम पर अवैध रूप से बेचा जाता है।

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