एक ग्लोबल स्लीप सर्वे के अनुसार, भारत स्लीप डाइवोर्स के मामले में दुनिया में पहले स्थान पर है। स्लीप डाइवोर्स का मतलब है अलग-अलग सोना, ताकि नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सके। भारत में 78% जोड़े इस प्रथा को अपना रहे हैं, जबकि चीन (67%) और दक्षिण कोरिया (65%) इसके बाद आते हैं। इस सर्वे में यह भी पता चला कि भारत में महिलाओं को नींद से जुड़ी ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तुलना में पुरुषों के मुकाबले।
नींद में खलल डालने वाले मुख्य कारणों में साथी का खर्राटे लेना, जोर से सांस लेना या हांफना (32%), बेचैनी (12%), नींद का असामान्य शेड्यूल (10%), और बिस्तर पर स्क्रीन का इस्तेमाल (8%) शामिल हैं।
हमारे जीवन में बदलाव की वजह से सिर्फ हमारा रहन-सहन ही नहीं, बल्कि रिश्तों में भी बदलाव आए हैं। अब रिश्तों से जुड़ी कई नई ट्रेंड्स और शब्द सुनने को मिलते हैं। स्लीप डिवोर्स भी एक नया ट्रेंड है, जो भारत में तेजी से बढ़ रहा है। हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि स्लीप डाइवोर्स के मामले में भारत सबसे आगे है। इस ग्लोबल स्लीप सर्वे में कई दिलचस्प खुलासे हुए, जिनमें सबसे बड़ा कारण नींद की कमी का स्ट्रेस था।
भारत में सबसे ज्यादा स्लीप डिवोर्स
सर्वे के अनुसार, भारत में 78% जोड़े स्लीप डाइवोर्स को अपना रहे हैं, जो इस ट्रेंड में सबसे ज्यादा हैं। इस सर्वे में यह भी पता चला कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में नींद से जुड़ी समस्याओं का ज्यादा सामना करती हैं। इसके साथ ही सर्वे में यह भी बताया गया कि कौन-कौन सी चीजें नींद में खलल डालती हैं।
स्लीप डिवोर्स क्या है?
शादी के बाद पति-पत्नी आमतौर पर एक ही बिस्तर पर सोते हैं, लेकिन हाल के कुछ वर्षों में ‘स्लीप डिवोर्स’ नाम का नया चलन सामने आया है। इसमें कपल्स अलग-अलग बिस्तरों या कमरों में सोते हैं। हालांकि वे शारीरिक रूप से अलग होते हैं, लेकिन इमोशनल रूप से एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं। इसका उद्देश्य बेहतर नींद लेना और रिश्ते में प्यार को बनाए रखना होता है।