आखिर क्यों बदला गया था लाल किले का रंग? जानिए

मुगलो के ज़माने में बना लाल किला भारत की शान बन चुका हैं लाल किला का निर्माण सन् 1638 में शुरू कर दिया गया था जो 1648 में बनकर तैयार हुआ था इस किले का कार्य समापन 12 मई 17वीं शताब्दी के मध्य में बना था।
बता दें कि लाल किले को मुग़ल बादशाह शाहजहां ने बनवाया था जिसका डिज़ाइन वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी ने तैयार किया था इस किले को बनाने का काम दस सालो में पूरा हुआ था हालांकि लाल किले को पहले किले-ए-मुबारक या धन्य किला भी कहा जाता था यह किला यमुना नदी के दाहिने किनारे पर बना हुआ हैं।
शुरुवात में लाल किले का रंग पहले सफ़ेद रंग का था जिसे मुख्य रूप से सफ़ेद चूने और संगमरमर से बनाया गया था लेकिन बाद में इसका रंग बदल दिया गया था,लाल किला जब सफ़ेद रंग का था तब अंग्रेज़ो ने दिल्ली पर कब्ज़ा किया और फिर किले की देखभाल करनी शुरू कर दी इसके बाद अंग्रेज़ो ने किले में कई बदलाव भी किए लगभग 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी के शुरुवात में अंग्रेज़ो ने लाल किले के संरक्षण के लिए प्रयास शुरू किए जिससे इसकी दीवारे जर्जर होकर ख़राब होने लगी थी।
इसके बाद मरम्मत के दौरान अंग्रेज़ो ने इन दीवारों की इमारतों को लाल रंग से रंगवा दिया था जिसमे बलुआ पत्थर का प्रयोग किया गया था और यह उस समय का काफी प्रचलित निर्माण सामग्री बन चुका था जिससे इसकी दीवारों में मजबूती आने के साथ-साथ मौसम का भी इन पर कोई असर नहीं पड़ेगा साथ ही यह दीवारे इसी रंग की बनी रहेगी।

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