18 जिले, 38 विधानसभा ,10 मंदिर, और 3160 किमी का सफर, क्या इससे देगी गेहलोत सरकार भाजपा को टक्कर

 

राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच सीएम अशोक गहलोत आज से एक यात्रा शुरू कर रहे हैं। ये यात्रा मिशन-2023 अभियान के तहत शुरू की जा रही है। पूर्व राजस्थान की पांच दिवसीय जन आशीर्वाद यात्रा को स्थगित कर सीएम अशोक गहलाेत आज से नौ दिन तक प्रदेश के 18 जिलों के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे 3160 किलोमीटर का सफर तय कर 10 बड़े मंदिरों में दर्शन करेंगे और 18 जिलों की 38 विधानसभा सीटों को कवर करेंगे। अचानक शुरू हो रही इस यात्रा को लेकर प्रदेश में खूब सियासी चर्चाएं हो रहीं हैं। आइए, ऐसे में इस यात्रा के मायने समझते हैं।

स्थगित की गई जन आशीर्वाद यात्रा का कारण क्या विरोध का डर था ?

दरअसल, मिशन-2023 अभियान के तहत शुरू होने जा रही इस यात्रा से पहले सीएम गहलोत पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग के लिए पूर्वी राजस्थान में पांच दिवसीय जन आशीर्वाद यात्रा निकालने वाले थे। लेकिन, अचानक इस यात्रा को स्थगित कर दिया गया। कहा गया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद ये यात्रा निकाली जाएगी। मगर अब इस यात्रा को स्थगित करने को लेकर कई सियासी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है । कहा गया कि पूर्वी राजस्थान पर सचिन पायलट का प्रभाव है, ऐसे में बिना पायलट के यात्रा में भीड़ जुटाना बड़ी चुनौती होगी। यात्रा का विरोध भी हो सकता है, साथ ही गहलोत-पायलट खेमे के कार्यकर्ताओं का आपसी मतभेद भी खुलकर सामने आ सकता है। और अब इसी डर से इसे स्थगित कर दिया गया है।

भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा का दिया जाएगा जवाब

आपको बता दे की भाजपा ने प्रदेश की चारों दिशाओं से परिवर्तन संकल्प यात्रा शुरू की थी, जो हाल ही में संपन्न हुईं। इन यात्राओं में भाजपा के केंद्रीय स्तर के नेता समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए थे। यात्राओं के दौरान हुई सभा में महिला अपराध, हिंदुत्व और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे छाए रहे। इन मुद्दों को लेकर भाजपा नेताओं ने सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस पर जमकर हमला बोलते रहे। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने तो गहलोत को बाबर और औरंगजेब प्रेमी तक करार दे दिया। कन्हैयालाल हत्याकांड, पीएफआई को रैली की अनुमति देने और हिंदू त्योहारों के आयोजन पर प्रतिबंध लगाने को लेकर भी कांग्रेस सरकार और गहलोत भाजपा नेताओं के निशाने पर रहे। यानी भाजपा नेताओं ने कांग्रेस और सीएम गहलोत को सनातन और हिंदू विरोधी बताने की कोशिश की। कहा जा रहा है कि भाजपा नेताओं के आरोपों का जवाब देने और अपनी छवि को साफ करने के लिए गहलोत ने विकास की बात करते हुए मिशन 2023 के तहत यात्रा निकालने का फैसला किया है। इस यात्रा में गहलोत 19 जिलों में स्थित 10 बड़े मंदिरों के दर्शन भी करेंगे।

क्या होगा यात्रा में?

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस यात्रा के जरिए राजस्थान को मॉडल राज्य बनाने के लिए लोगों से सुझाव मांगेंगे। यहां मिले बेहतर और जरूरी सुझावों को जन घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा। नौ दिन में 3160 किलोमीटर का सफर तय कर यात्रा जयपुर, सीकर, चूरू, नागौर, हनुमानगढ़ श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर बाड़मेर, जोधपुर, पाली, सिरोही जालौर, राजसमंद, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और चित्तौड़गढ़ ज़िले से गुजरेगी। यात्रा 38 विधानसभा क्षेत्र को कवर करेगी। इसमें कांग्रेस के लिए कमजोर माने जाने वाली खींवसर और जैसलमेर जैसी सीट भी शामिल है। 16 स्थान पर जनता से संवाद, 11 टाउन हॉल मीटिंग और पांच रोड शो समेत 10 नुक्कड़ सभाएं भी होंगी। यात्रा के बीच आने वाले प्रमुख और प्रसिद्ध मंदिरों में सीएम गहलोत पूजा-अर्चना करेंगे। चार जगहों पर महिला सम्मेलन और 8 स्थानों पर सीएम गहलोत युवाओं से संवाद करेंगे। यात्रा का पहला चरण बुधवार 27 से 30 सितंबर तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण 3 अक्तूबर से शुरू होकर 7 अक्तूबर तक चलेगा।

Mehak Bharti
Author: Mehak Bharti

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